श्याम जी का करने दीदार चली रे मैं तो अपने बाबा के द्वार चली रे
बाबा श्याम धनि सरकार की मैं बोलती जय जय
श्याम जी का करने दीदार चली रे मैं तो अपने बाबा के द्वार चली रे
ना मैं किसी के रोके रुकू गी
ग्यारास के दिन मैं दर्शन करुगी
निकली हु घर से करके यत्न
आँखों में लेके खुमार चली रे
मैं तो अपने बाबा के द्वार चली रे
श्याम जी के कुंड में अस्नान करके
मदिर पे जाउंगी गंदोत भर के
करू मैं अर्पण श्रधा सुमन
बाबा का निशान लेके साथ चली रे
मैं तो अपने बाबा के द्वार चली रे
खेलु गी बाबा के दर पे होली
संग में अनाडी की जा रही टोली
नाचू मैं तो हो के मगन
सचे दिल से करती पुकार चली ऋ
मैं तो अपने बाबा के द्वार चली रे
I went to see Shyam ji, I went to my Baba’s door
I speak Jai Jai of Baba Shyam Dhani Sarkar
I went to see Shyam ji, I went to my Baba’s door
I will not stop anyone
I will visit on the eleventh day
I have come out of the house trying hard
I was happy with my eyes
I went to my father’s door
Taking a bath in Shyam ji’s kund
I will go to the temple with gandot ke
I will offer Shraddha Suman
Walked with Baba’s mark
I went to my father’s door
Play Holi at Baba’s rate
The team being clumsy in the company
I am happy to dance
Calling with a sincere heart went on
I went to my father’s door