छोड़ ब्रज जब कृष्णा चल दिए
ग्वाल बालख बिन्ख पड़ी और राधिका के नैन भर गए
सुना पड़ गया ये पनघट
सुना पड़ गया यमुना तट
अब बिरहा की आई वैरन रतियाँ
बंद न होती नैन पट
अब कही न बंसी बाजे सोचु कितनी सारी बाते
राधिका के नैन भर गए
जाते क्यों भूले सांवरिया
भेजी न पाती ना खबरियां
बरसाने से टूट गया यो नाता
राधा हुई आब वन्वारियां
चल गया हरजाई कान्हा प्राण संग में मेरे ले जाते और
राधिका के नैन भर गए
Leave Braj when Krishna left
Gwal Balakh trembled and Radhika’s nails were filled
I heard this rain
heard the yamuna bank
Now birha’s aa warren ratis
Nain pat does not close
Now think about how many things you can say
Radhika’s nails are full
Why did you forget to go to Saawariya?
Could not send nor news
yo relationship was broken by raining
radha hui ab vanwariyan
Harjai Kanha would take me in the company of life and
Radhika’s nails are full