संतान की परवरिश किसी साधना से कम नहीं होती है…और…माता पिता की सेवा किसी भी आराधना से कम नहीं होती है……
कोई भी माता-पिता यह नही कहते कि हमें..खुश रखना..वो तो यही कहते है कि ,बेटा तू सदा खुश रहना……
जीवन में रिश्ते बड़े नहीं होते, रिश्तों को निभाने वाले बड़े होते है……………..
घड़ी की सुईयो की तरह जीवन में अपने आपसी रिश्तों को बनाए रखें……
हर पेड़..फल..दे यह जरुरी नही,किसी-किसी पेड़ की..छाया..भी बड़ा..सुकून..देती है…..
रिश्तों को निभानें में…विवशता…नहीं…भावनाएँ…होनी चाहिए……
जय श्री राम
The upbringing of a child is not less than any sadhana…and…the service of the parents is not less than any worship……
Relationships don’t grow in life, those who maintain relationships grow. Maintain your mutual relationships in life like the hands of a clock.
Every tree gives..fruits..it is not necessary,..shade of some tree..also gives big..comfort..gives…..
In maintaining relationships … no compulsion … no feelings …
Long live Rama