कोश्यल नन्द राजा राम जानकी भलव सीता राम
जय सिया राम जय जय सिया राम
ऐसे राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घडी
सावन की घडी प्यासे प्राणों पे पड़ी
सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घडी ,
रोम रोम को नैन बना लो राम सिया के दर्शन पा लो
भ्र्सो पीछे आई है ये मिल्न की घडी
सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घड़ी
राम लखन अनमोल नगीने अवध अंगूठी में जड लीले
सीता एसी सोही जैसे मोती की लड़ी,
सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घड़ी
Koshyal Nanda Raja Ram Janaki Bhalav Sita Ram
Jay Siya Ram Jay Jay Siya Ram
Ram Darshan Ras rained like the clock of Sawan
Savan’s clock fell on thirsty souls
Sita Ram Darshan Ras rained like the clock of Sawan,
Make Rome Rome Nain Get Ram Siya’s Darshan
The hour of union has come behind
Sita Ram Darshan Ras rained like the clock of Sawan
Ram Lakhan Anmol Nagine set in Awadh ring
Sita as Sohi fought like pearls,
Sita Ram Darshan Ras rained like the clock of Sawan