मैं कैसे सुनाऊं प्रेम कहानी राधा और कान्हा की

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मैं कैसे सुनाऊ प्रेम कहानी राधा और कान्हा की,
विरहा में भी तप के न टूटी चाहत इन दोनों की
मैं कैसे सुनाऊ प्रेम कहानी राधा और कान्हा की,

मैंने इक इक स्वास में कान्हा तेरा नाम वसाया
फिर क्यों अपनी राधा को तूने विरहा में जलाया
ढूंड रहे है अब तो घुंगरू तान तेरी मुरली की
अश्क बहा कर तक ते नैना राह तेरे आने की
मैं कैसे सुनाऊ प्रेम कहानी राधा और कान्हा की,

मुस्कान में मैंने राधे अपने अशुवन को है छुपाया,
मैंने अपनी श्वास में निशल प्रेम तुम्हारा वसाया,
मैं नही हु छलियाँ है ये लीला विधि के विधान की
जग में लेकिन होगी पूजा राधा कृष्ण के पयार की
मैं कैसे सुनाऊ प्रेम कहानी राधा और कान्हा की,

हम दोनों का प्रेम अलोकिक बंधन उसका सार नही
राधा कृष्ण है इक एहसास ये केवल कोई नाम नही
राधे राधे मुख से जो बोले भगती होये शाम की
कान्हा को जब कोई पुकारे सुनती राधा दास की
मैं कैसे सुनाऊ प्रेम कहानी राधा और कान्हा की,

How do I narrate the love story of Radha and Kanha,
Even in separation, the desire of these two is not broken due to austerity.
How do I narrate the love story of Radha and Kanha,

I ek ek swas me kanha tera naam vasaya
Then why did you burn your Radha in separation?
Looking for Ghungroo Tan Teri Murli Ki
By shedding tears
How do I narrate the love story of Radha and Kanha,

In my smile I have hidden my inauspicious Radhe,
I felt your pure love in my breath,
I am not deceitful, this is the law of Leela law
In the world, but the love of Radha Krishna will be worshiped
How do I narrate the love story of Radha and Kanha,

The love of both of us is not the essence of the supernatural bond
radha krishna is a feeling this is not just a name
Radhe Radhe, who speaks from the mouth of the evening
Radha Das listens when someone calls Kanha
How do I narrate the love story of Radha and Kanha,

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