जय गणपति जय गणराजा दर्शन देने अब आजा
तेरे भाग के माली हिया हम
तू ही सचा रखवाला
जय गणपति जय गणराजा दर्शन देने अब आजा
लम्बोधर तुम अंतर यामी तेरी महिमा सब से न्यारी
बांजक को तुम पुत्र हो देते करते हो मूषक की सवारी
तेरी किरपा जिस पे हो जाए मन का सारा वो फल पाए
आँख में ज्वाला उसकी भड के इज्जत से है वो तर जाए
सीधी विनायक को जग में हर दुखिया ने पुकारा
जय गणपति जय गणराजा दर्शन देने अब आजा
मोदक प्रिये है तुम को देवा दीं हीन कर तेरी सेवा
गोरी लाल तुम कहलाते तुम जिनके सूत वो महादेवा
रिधि सीधी फल दायक सुनते सब की पुकार है
जो भी इनको मन से ध्याता कर ते बेडा पार है
देवा तेरे दर पे आके राज लगाये जय कारा
जय गणपति जय गणराजा दर्शन देने अब आजा
jai ganapati jai ganaraja come now to give darshan
We are the gardeners of your part
you are the true keeper
jai ganapati jai ganaraja come now to give darshan
Lambodhar Tum Antar Yami Teri Mahima Sabse Nyaari
You give a son to Banjak, you ride a mouse
Wherever your splinter is on, get all that fruit of your mind.
The flame in the eye is due to the respect of his anger.
Sidhi Vinayak was called by every miser in the world
jai ganapati jai ganaraja come now to give darshan
Modak is dear to you by making you deva
You are called Gori Lal, whose yarn is that Mahadeva
Ridhi is the call of everyone who hears the direct fruit.
Whoever meditates on them with their mind is beyond their limits.
Deva tere dar pe aaye raj jai kara
jai ganapati jai ganaraja come now to give darshan