अब आन मिलो मोहन तन्हाई नही जाती
अब और कही ठोकर प्रभु खाई नही जाती,
इस वैद की कौन बता मुझे दवा पीलायेगा,
वो जादू भरी ऊँगली बालो में फिरायेगा,
जो ठेस उठे दिल में वो दबाई नही जाती,
अब और कही ठोकर प्रभु खाई नही जाती,
मिल ने को व्याकुल हो
मिल जाओ मेरे ठाकुर
तेरे दर्शन को कान्हा मेरे नैना है आतुल,
यो याद तेरी आती वो बुलाई नही जाती
अब और कही ठोकर प्रभु खाई नही जाती,
कहे हर्ष ये दर्द प्रभु अब सेहन नही होता
ये भोज जुदाई का अब वेहन नही होता
जो पीड जिया में उठे वो दिखाई नही जाती
अब और कही ठोकर प्रभु खाई नही जाती,
Now come on, Mohan doesn’t get lonely
Now the Lord is not stumbled anywhere else,
Who will tell me about this Veda, will make me drink medicine,
That magic finger will spin in the hair,
The one who gets hurt is not suppressed in the heart.
Now the Lord is not stumbled anywhere else,
Mill has to be upset
meet my thakur
Kanha to your darshan, my Naina is Atul,
Yo remember you, she is not called
Now the Lord is not stumbled anywhere else,
Say joy this pain Lord can’t bear anymore
This banquet is no longer a means of separation
The pain that arose in Jiya is not visible
Now the Lord is not stumbled anywhere else,