रंग रंगीला छैल छबीला,
सांवरी सुरतिया वाला वो है नंद लाला
मीरा जिसके नाम पर पी गई ,
राणा के विश का प्याला वो है नंद लाला
मोर मुकुट जिसका शीश सजाये,मुरली जिनके अधरों पे साजे
पीतांबरी वो रुप बनाये ,गले में माल लहराए वो है नंद लाला
गागरिया को फोड़े वो माखन चुराये गोपियों के संग रास रचाए
उसके काले नैनो सब पर जादू डाला वो है नंद लाला
मीरा के हैं नट नागर ,राधा के श्याम हैं गवालो के कन्हा भक्तों नाथ हैं
जब जबभक्तों ने पुकारा आकर दिया सहारा वो है नंद लाला
प्रेषक प्रियंका अग्नीहोत्री
Colorful shell Chhabila,
The one with Sawari Surtiya is Nand Lala
In whose name Meera drank,
The cup of Rana’s wish is Nand Lala.
The peacock whose head adorns the crown, whose murli adorns its lips
Make Pitambari that form, waving goods around her neck, she is Nand Lala
He stole butter, boiled Gagaria, and made love with the gopis.
His black nano cast spell on everyone, that is Nand Lala
Meera’s Nat Nagar, Radha’s Shyam, Gawalo’s Kanha devotees are Nath.
When the devotees called and gave support, that is Nand Lala
From Priyanka Agnihotri