तेरे दर आने जो ये दिल मेरा तडपता है,
कैसे दिल को प्रभु सम्बाले ये मचलता है,
लाख समजाने पे ये दिल नही समझता है,
कैसे दिल को प्रभु सम्बाले ये मचलता है,
तेरी गलियों में फिर से आना है
फिर वही महफिले सजाना है,
प्रेमियों का याहा वो प्यार मिला
जब भी चाहा तेरा दीदार मिला
उसी दर पे मेरा ये दिल प्रभु बेहलता है,
कैसे दिल को प्रभु सम्बाले ये मचलता है,
तेरी प्प्रेमी तेरे दीवाने है
अपना समजो नही बेगाने
हर घडी तेरे साथ रहना है
दिल में जो कुछ है तुमसे केहना है
क्या ये सुन के भी तेरा दिल नही पिगालता है
कैसे दिल को प्रभु सम्बाले ये मचलता है,
खाब आँखों में में फिर सजाये है,
आस मिलने की दिल में लाये है,
ये तडप अब सही न जायेगे फिर से मिलने की घडी आएगी,
अब यही सोच के विकास भी समबलता है,
कैसे दिल को प्रभु सम्बाले ये मचलता है,
This heart that hurts me when I come to you,
How does this move with the Lord’s heart,
This heart does not understand when you understand a million,
How does this move with the Lord’s heart,
to come back to your streets
Then the same gathering is to be decorated,
Lovers’ yaha got that love
I got your sight whenever I wanted
At the same rate, this heart of mine, Lord,
How does this move with the Lord’s heart,
Your lover is your lover
don’t understand yourself
be with you all the time
Whatever is in my heart I want to say to you
Doesn’t your heart melt even after hearing this?
How does this move with the Lord’s heart,
It is decorated in my eyes again,
Have brought hope in the heart,
This yearning will not go right now, the time will come to meet again,
Now the development of this thinking is also possible,
How does it move with the heart of the Lord,