चित ले गयो री चित चोर
सखी री मैं तो लूट गयी री
मेरो चलो नहीं कोई जोर
सखी री मैं तो लूट री
रात सखी सपने में वो आयो
ऐसो सुन्दर रूप बनायो
रूप देखत गयी री मैं तो डोर
धीरे से माने मेरी पकड़ी कलाई
मार शर्म सखी मैं शर्मायी
सखी निकले ना मुख से बोल
हार गई सखी दिल की बाजी
ऐसी प्रीत सखी बस लागी
सखी इतने में होई गयी भोर
chit le gayo ri chit thief
My friend was robbed
let me go no louder
Sakhi ri main to loot ri
He came in the night’s dream
make it so beautiful
I saw the form, I was the door
gently hold my wrist
Mar sharm sakhi i shy away
Sakhi came out and spoke with her mouth
Lost sakhi dil ki baazi
Such a love sakhi bus
Friend it is so early in the morning