करता रहूँ गुणगान, मुझे दो ऐसा वरदान।
तेरा नाम ही लेते लेते, इस तन से निकले प्राण॥
तेरी दया से मेरे भगवन मैंने यह नर तन पाया।
तेरी सेवा में बाधाए डाले जग की मोह माया।
फिर भी अरज करता हूँ, हो सके तो देना ध्यान॥
राधा मीरा नरसी जैसी दुःख सहने की शक्ति दो।
विचलित ना हूँ पथ से भगवन, मुझ को ऐसी भक्ति दो।
तेरी ही सेवा में हो, इस जीवन की हर श्याम॥
क्या मालुम कब कौन किस घडी, तेरा बुलावा आ जाए।
मेरी मन की इच्छा मेरे मन ही मन में रह जाए।
मेरी इच्छा पूरी करना मेरे प्रियतम कृपा निधान॥
Keep praising, give me such a boon.
Taking only your name, the soul came out of this body.
By your mercy, my lord, I found this male body.
May the world’s delusion create obstacles in your service.
Still I pray, if possible, pay attention.
Give me the strength to bear the sorrow like Radha Meera Narsi.
I am not deviated from the path Lord, give me such devotion.
Be in your service, every shyam of this life.
Do you know when, at what time, when your call should come.
Let my heart’s desire remain in my heart.
To fulfill my wish my dearest grace