अपने भगतो के घर तुम गए थे गिरधर
ये पता है ज़माने को,
बाबा आजाओ ना निर्धन के घर कुछ पल ही बिताने को,
छप्पन भोग लगे तेरे, मेरे घर खा लेना श्याम रुखा सूखा,
घर न हो जो कुछ भी मेरे एक दिन रह लेना तू मेरे संग भूखा,
ये कंगाल हे एक तेरा लाल हे, आया तुझको बुलाने को,
बाबा आजाओ ना……
सोने के सिंघासन पर सदा विराजते हो खाटू वाले,
मेरे फटे पुराने आसान पर एक बार बेठ जा ओ मुरली वाले,
शान होगी न कम बाबा तेरी कसम , आया तुझको बताने को,
बाबा आजाओ ना….
रोज दिवाली होती तेरी , मेरे घर में रहता है सदा अँधेरा,
फूलो पर सोने वाले, काँटों पे बिछोना हे ओ बाबा मेरा,
आके तो आजमा दूँगा पलके बिछा, बाबा तुझको सुलाने को,
बाबा आजाओ ना…….
You went to the house of your brothers Girdhar
Know this time,
Baba don’t come to the poor’s house to spend a few moments,
Chappan bhog lage tere, eat my house shyam dry dry,
Whatever is not home, stay with me for a day, you are hungry with me,
This pauper is your red one, came to call you,
Baba don’t come……
The people of Khatu always sit on the throne of gold.
Once upon a time, sit on my torn old easy, O Fife,
Pride will be no less Baba, you swear, I came to tell you,
Baba don’t come….
Every day Diwali is yours, it is always dark in my house,
Those who sleep on flowers, lay on thorns, O Baba, mine
If I come, I will try to lay my eyelids, Baba to put you to sleep,
Baba come no……