रास रचाए नन्द गोपाल गोपियाँ संग वृंदावन में,
रास रचाए नन्द गोपाल राधा संग वृन्दावन में
गोपियाँ संग वृंदावन में राधा संग वृंदावन में
मुरली भजाये मधुर गोपाल गोपियाँ संग वृंदावन में
कभी श्याम मधुर मुस्काये कभी राधा को जलाए ,
की गईया चराए नन्द लाल गोकलन संग वृंदावन में
रास रचाए नन्द गोपाल गोपियाँ संग वृंदावन में,
पनघट पे कभी ले जाए झुला कदम की डार झुलाए,
की मटकी फोड़े नन्द गोपल वृंदावन की गलियां में
गणेश बताये कैसे हाल वृंदावन की गलियां में
रास रचाए नन्द गोपाल गोपियाँ संग वृंदावन में,
In Vrindavan, Nand Gopal with the Gopis composed Raas,
Raas composed by Nand Gopal with Radha in Vrindavan
Radha in Vrindavan with the Gopis
Murli Bhajaye with Madhur Gopal Gopis in Vrindavan
Sometimes shyam smiles sweetly, sometimes burns Radha,
Gaya grazing with Nand Lal Gokalan in Vrindavan
In Vrindavan, Nand Gopal with the Gopis composed Raas,
If you ever take a jhula step on the waterfall,
Nand Gopal boils the pot in the streets of Vrindavan
Ganesh tell how are you in the streets of Vrindavan
In Vrindavan, Nand Gopal with the Gopis composed Raas,