राम राम राम राम जपो राम राम राम,
राम ही आगाज है और राम ही अंजाम
राम नाम गाये जो पा जाएगा वो चारो धाम
राम राम राम राम जपो राम राम राम,
जो तुझमे मुझमे बोलता है राम ही तो है
जो पाप पुण्ये तोलता है राम ही तो है
उस से बड़ा न देव कोई है न संत है,
उस से ही तू जन्मा है तेरा वो ही अंत है
हर रात की सुबह है वो हर सुबह ही की है शाम
राम राम राम राम जपो राम राम राम,
जब तक चले ये सांस जपो राम की माला
पापो के अंधेरो में है ये नाम उजाला
तू है पतंग डोर तेरी उस के हाथ है
उस के बिना उड़े तू तेरी क्या बिसात है,
दुःख की घडी में आता है बस राम सब के काम,
राम राम राम राम जपो राम राम राम,
Ram Ram Ram Ram Chant Ram Ram Ram,
Ram is the beginning and Ram is the end
Whoever sings Ram’s name will get it in all the four dhams.
Ram Ram Ram Ram Chant Ram Ram Ram,
Ram is the one who speaks in you.
Ram is the one who weighs the sins.
There is no god or saint greater than him,
That’s where you were born, that’s your end
Every night is morning, every morning is evening
Ram Ram Ram Ram Chant Ram Ram Ram,
As long as this breath lasts, chant Ram’s rosary
This name is light in the darkness of sins
You are the kite, the door is your hand.
You fly without him, what is your chessboard?
In the hour of sorrow, only Ram comes for everyone’s work,
Ram Ram Ram Ram Chant Ram Ram Ram,