अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
चांदी के भेवाण में बिराजे ठाकुर मुरली वालो सा
कोई मुरली मधुर बजावे जी मेला में
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
सोना चांदी छड़ी येतो हाथा में ले चाले सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
मण्डपिया वाला सेठ सांवरा गणो भरोसो भारी जी
कोई बिगडिया काम सुधारे जी भक्ता का
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
सरवरिया पे जावे सवारी ठंडो ठंडो पाणी सा।
ओ मारा गिरधर जल में नावे सा मंडपिया में
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
अरे जुलनी पे सेठ संवारा जुलबाने जावे सा
कोई रंग गुलाल उड़ावे जी मेला में
Are Julni Pe Seth Sanwara Julbane Jave Sa
Someone blow colorful roses at the fair
Thakur Murli Walo Sa in the silver Bhewan
Someone plays the fiddle sweetly in the fair
Someone blow colorful roses at the fair
Are you going to burn the rich man on the julni
Someone blow colorful roses at the fair
He carried a gold and silver stick in his hand
Someone blow colorful roses at the fair
Are Julni Pe Seth Sanwara Julbane Jave Sa
Someone blow colorful roses at the fair
Mandapiya Wala Seth Saanwara Gano Bharoso Bhari Ji
Any wrong work of the devotee to improve
Someone blow colorful roses at the fair
Are Julni Pe Seth Sanwara Julbane Jave Sa
Someone blow colorful roses at the fair
Sarwariya Pe Jave Sawari Thando Thando Pani Sa.
O killed Girdhar in the water in a boat in the pavilion
Someone blow colorful roses at the fair
Are Julni Pe Seth Sanwara Julbane Jaave Sa
Someone blow colorful roses at the fair