मै भानु लली की दया चाहती हूं
अटारी की ताजी हवा चाहती हूं ..
भटकती रही मैं तो दुनिया के दर पर
कब जाकर पहुंचुगी लाडली के दर पर,
अब चरणों में तेरे पन्हा चाहती हूं
मै भानु लली की दया चाहती हूं..
सुना है तेरा दर है जन्नत का दरिया
पहुंचने का प्यारी तुम ही एक जरिया,
यही प्यार तुझसे वफ़ा चाहती हूं
मैं अटारी की ताजी हवा चाहता हूं ..
दयालु हो थोड़ी दया मुझ पर कर दो
भक्ति का प्याला हृदय में भर दो,
मैं बीमार हूं कुछ दवा चाहती हूं
अटारी की ताजी हवा चाहती हूं ..
मै भानु लली की दया चाहती हूं,
I want Bhanu Lalli’s mercy
I want fresh air in the attic..
I kept wandering at the rate of the world
When will it reach at the rate of Ladli,
Now I want your feet at your feet
I want Bhanu Lalli’s mercy..
I have heard that your rate is the river of paradise
You are the only way to reach,
I want this love from you
I want the fresh air of the attic ..
be kind, have some mercy on me
Fill the cup of devotion in the heart,
i am sick i want some medicine
I want fresh air in the attic..
I want Bhanu Lalli’s mercy,