भवसागर से चाहो भगतो जो तुम पार उतरना
शरनागत और श्याम प्रभु की मिट जायेगी तृष्णा
बोलो जय श्री कृष्णा
विष्णु के अवतार है कृष्णा जग के पालनहार है कृष्णा
दुनिया करती इनकी पूजा इनके जैसा कोई न दूजा
धरती अम्बर सागर नदियाँ सब इनकी रचना
बोलो जय श्री कृष्णा
द्वापर के ये योगेशेवर है श्री राधा के प्राणेश्वर है
इनका नाम है मंगल कारी भगतो के है ये हितकारी
कृष्णा कृष्णा नाम जपं से तर जाएगी रसना
बोलो जय श्री कृष्णा
सोई होई तकदीर जगे गी नैया भव से पार लगे गी
मिट जायेगी सारी उल्जन करदे अपना आत्म समर्पण
कहे अनाडी बिना समर्पण हाथ लगे कुछ न
बोलो जय श्री कृष्णा
Bhagat whatever you want to cross from the ocean of the universe
Sharnagat and Shyam Prabhu’s craving will disappear
say jai shri krishna
Krishna is the incarnation of Vishnu, Krishna is the sustainer of the world
The world worships them, no one like them
Earth Amber Sagar Rivers All Their Creation
say jai shri krishna
This is the Yogeshvar of Dwapar, the Praneshwar of Shri Radha.
Their name is Mangal Kari, they are beneficial to the devotees.
Chanting Krishna Krishna Naam will suffice
say jai shri krishna
Soi hoi fortune will be awake, naiya bhava will se par
All the confusion will be erased by surrendering your self
Say anything clumsy without surrender
say jai shri krishna