बात बताऊ अपनी जब से श्याम शरण में आया,
जो न सोचा था सपने में वो सब याहा से पाया,
राहे मुश्किलों की मेरी बंद हो गई
सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई,
बाबा ने तोड़ दिया दुःख की जंजीर को
पल भर में हाथो की बदली लकीर को
तेज आंधी चलनी गम की बंद हो गई
सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई,
रंग अपना संवारे ने ऐसा लगाया
प्यार से मेरा हर लम्हा सजाया,
सांसो में सांवरियां की सुगंद हो गई
सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई,
थामा है हाथ मेरा बाबा ने जब से
कुंदन कमी न रही मुझे तब से
मेरी जन्दगी मन पसंद हो गई
सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई,
Tell me, ever since Shyam came to the shelter,
Those who did not think in their dreams got all that from Yaha,
My difficulties have stopped
To tell the truth, luck has become high,
Baba broke the chain of sorrow
In a moment to change the line of hands
The storm stopped.
To tell the truth, luck has become high,
Color your grooming put it like this
Decorated my every moment with love,
The smell of saawariyas in the breath
To tell the truth, luck has become high,
Ever since my baba has held my hand
I have not lacked kundan since then
love my life
To tell the truth, luck has become high,