तेरा श्याम तो तेरे ही घर के मंदिर में बैठा
तो क्यों रोता है बीटा मंदिर बंद है तो क्या
तेरा श्याम तो तेरे ही …………….
तू रोज़ सवेरे उठकर घर के मंदिर को सजता
फिर बैठ मेरे आगे तू मेरा ध्यान लगता
जब ध्यान लगाए मेरा मैं निहारु तुझको बैठा
तेरा श्याम तो तेरे ही …………….
हर बार तू खाटू आता मेरे द्वारे शीश झुकता
पैदल चलके तू प्यारे मुझको निशान चढ़ाता
तू प्रेम भाव से मुझको भजन सुनाता मीठा
तेरा श्याम तो तेरे ही …………….
तू मत घबराना प्यारे तेरे नियम जो खाटू द्वारे
स्वीकार करूँगा आकर तेरे घर मंदिर में सारे
दीपक का सहारा बनकर मन मंदिर में बैठा
तेरा श्याम तो तेरे ही ……………
Your shyam is sitting in the temple of your own house.
So why cries if the beta temple is closed then what
Your shyam is yours …………….
You wake up every morning and decorate the temple of the house
then sit in front of me you get my attention
When I meditate, I sit watching you
Your shyam is yours …………….
Every time you come to eat my head bows down
On foot you mark me dear
You recite hymns to me sweetly
Your shyam is yours …………….
Don’t you worry dear your rules which are by Khatu
I will come and accept everything in your temple
Being the support of the lamp, the mind sat in the temple
Your shyam is yours…………