श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन,
बिन मांगे सब मिल जाता है खुश हो जाता मन
श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन,
उची चडाई तेरी थक ता न कोई चड के
सारे जग में मैया दरबार तेरा बड के
सब को तेरे दर्श की मैया लग जाती है लगन
बिन मांगे सब मिल जाता है खुश हो जाता मन
श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन,
जिस ने भी सिर झुकाया मैया तूने उठाया
गिरते को मैया तूने हस कर गले लगाया
मैया मुकेश हर पल तेरा गाता रहे भजन
बिन मांगे सब मिल जाता है खुश हो जाता मन
श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन,
Whatever comes from reverence, maya, your house,
Gets everything without asking, the mind becomes happy
Whatever comes from reverence, maya, your house,
Uchi Chadai Teri Thak Ta Na Koi Chad Ke
Maya Darbar Tera Bud Ke in the whole world
Everyone takes love for your vision
Gets everything without asking, the mind becomes happy
Whatever comes from reverence, maya, your house,
Whoever bowed his head, Maya you raised
You laughed and hugged the fall
Maya Mukesh keep singing your bhajan every moment
Gets everything without asking, the mind becomes happy
Whatever comes from reverence, maya, your house,