नीली छत के पीछे बैठा जाने कौन मदारी
जैसे जैसे नाच नचाए नाचे दुनियाँ सारी
नीली छत के पीछे बैठा जाने कौन मदारी
सिया राम जय जय राम सिया राम जय जय राम
निराकार कोई कहता है, कोई कुछ कुछ रूप बताए
कोई कहे हो भेष बदलकर धरती पर आ जाए
कोई कहे वो कण कण में है पर वो नजर ना आये
वो वह अनदेखा एक पहेली ना सुल्जाई जाए
नीली छत के पीछे बैठा जाने कौन मदारी
जैसे जैसे नाच नचाए नाचे दुनियाँ सारी
कहते हैं उसकी आंखें हैं सूरज चांद सितारे
कब-कब हम करते हैं क्या-क्या पल पल हमें निहारे
मछली को टाले ना जो उथले सागर के धारे
उस शक्ति की भक्ति कर ले ओ बंदे मतवारे
नीली छत के पीछे बैठा जाने कौन मदारी
जैसे जैसे नाच नचाए नाचे दुनिया सारी
कहते हैं जिसने बनाए धरती गगन समंदर
और सबको जो नाच नचाये है इक छुपा कलंदर
वो मालिक छुप कर बैठा है हर इंसान के अंदर
प्रेम भाव से सबसे मिलना इस दुनिया में सिकंदर
नीली छत के पीछे बैठा जाने कौन मदारी
जैसे जैसे नाच नचाए नाचे दुनिया सारी
Who is the madari to sit behind the blue roof?
As the whole world danced and danced
Who is the madari to sit behind the blue roof?
Siya Ram Jai Jai Ram Siya Ram Jai Jai Ram
Someone incorporeal says, Somebody tells some form
If someone says disguise and come to earth
Some say that it is in every particle but it cannot be seen.
That unseen puzzle should not be solved
Who is the madari to sit behind the blue roof?
As the whole world danced and danced
It is said that his eyes are the sun, the moon, the stars.
Whenever we do what we look at us moment by moment
Do not avoid the fish that are in the shallow ocean
Do devotion to that power, oh fellow voter
Who is the madari to sit behind the blue roof?
As the whole world danced and danced
It is said that the one who created the earth, the sky ocean
And everyone who dances is a hidden beauty
That master is hiding inside every person
Sikandar in this world to meet the most with love
Who is the madari to sit behind the blue roof?
As the whole world danced and danced