ऐ मेरे स्वामी अंतरयामी नित जपते तेरा नाम
तेरे भरोसे छोड़ दी नैया तू जाने तेरा काम
ऐ मेरे स्वामी अंतरयामी
जीवन के गेहरे सागर में उठ ते है तूफ़ान
छलके अखियाँ रोये मनवा बेबस हु भगवान
तेरी किरपा हो जाए जिस पे मिलता सुख आराम
ऐ मेरे स्वामी अंतरयामी
तेरे पावन चरण को छु के पत्थर भी तर जाते
टूटी डाली से गूजे भी मधुवन सा मुस्काते
पल पल ढलती जाए भगवन इस जीवन की शाम
ऐ मेरे स्वामी अंतरयामी…
तेरे चरण की धुल से मैंने सुख के मोती पाए ,
तूफ़ान भी मुख मोड़ ले अपना तू जो कर्म कमाए
केवल तेरी प्रीत है साँची छुटे न तेरा धाम
ऐ मेरे स्वामी अंतरयामी
O my Lord, the Intermediate, I always chant Your Name
I left the boat in your care, you know your job
O my Lord of the Intermediate
Storms rise in the deep ocean of life
Chhalke Akhiyan Roye Manwa Bebas Hu Bhagwan
May your grace be upon whom we find happiness and comfort
O my Lord of the Intermediate
Even the stones would melt if they touched your holy feet
Even the broken branches echoed and smiled like honey
Let the evening of this life pass by every moment, Lord
Aye Mere Swami Antaryami.
Tere Charan Ki Dhul Se Maine Sukh Ke Moti Paye,
Even the storm turns its face, you who have earned your deeds
Only your love is true, do not miss your abode
O my Lord of the Intermediate