जो तुम नही दोगे फिर कौन देगा श्याम
तेरे ही देने से बनता है मेरा काम
जो तुम नही दोगे फिर कौन देगा श्याम
मेरे दिल की कान्हा हर बात समजते हो
तुम इस हर के सारे हालत समजते हो
तुझसे ही राहत है और तुझसे ही आराम
जो तुम नही दोगे फिर कौन देगा श्याम
हम जैसे गरीबो को रोटी है तू कान्हा,
ये हमने है जाना बस तुमने है जाना
मैं कैसे खाता हु दुनिया है ये अनजान
जो तुम नही दोगे फिर कौन देगा श्याम
केहता पवन तुझसे हर चीज तेरी है
बस बची खुची बाबा ये लाज मेरी है
ये भी सभी तुझको हर दम रखना तू ध्यान
जो तुम नही दोगे फिर कौन देगा श्याम
What you will not give then who will give Shyam
My work is done by your giving
What you will not give then who will give Shyam
The ears of my heart understand everything
you understand the whole situation
Relief is from you and rest is from you
What you will not give then who will give Shyam
You are the bread to the poor like us, Kanha.
This is us, just you have to go
How do I eat this world is unknown
What you will not give then who will give Shyam
Everything is yours from you
The only left left is Baba, this shame is mine.
All these also take care of you at all times, you take care
What you will not give then who will give Shyam