हम तो आये शरण में तुम्हारी
लाज हाथो में तेरे हमारी
हम को तुम पे भरोसा अटल है
तुम सम्बालोगे हम को मुरारी
हम तो आये शरण में तुम्हारी
हम को विश्वास तुम पे है इतना
गेहरा होता समुन्द्र है जितना
आसमानों से उचा इरादा साथ तेरा हमारे वो वादा
हार पग पग पे तुम से हारी
इस लिए जीत आगे हमारी
हम तो आये शरण में तुम्हारी
हम भगत तेरे डर क्या है हम को
फिर डराती है ये विपता है किस को
हम तो जैसे भी सेह लेंगे इसको
ये सहेगी भला कैसे तुझको
क्या बिगड़ेगी विपदा विचारी
है खड़ा समाने चकर धारी
जब से सोंपी है नैया ये तुझको फिर तूफानों से डर क्या है हम को
या किनारों को आना पड़ेगा
या फिर पोंछाये मझधार इसको
देख विस्मिथ हुए संसारी
बना निर्मल का माझी बिहारी
We have come to your refuge
Laj Haathon Mein Tere Hamari
We have unshakable faith in you
you will support us murari
We have come to your refuge
We believe in you so much
as deep as the sea
That promise of yours with the high intentions from the sky
Lost to you at every step
For this victory lies ahead
We have come to your refuge
Hum Bhagat, what is your fear?
Then it scares whom is this evil
Whatever we eat it
How will you bear this?
Will the calamity get worse?
standing in front of you
Ever since you have been assigned, why are you afraid of storms again?
or the edges have to come
Or wipe it midstream
Seeing the world astonished
Became Nirmal’s Majhi Bihari