हे रामचन्द्र कह गए सिया से ऐसा कलजूग आएगा
हंस चुगेगा दाना दुनका कौआ मोती खायेगा
धरम भी होगा कर्म भी होगा लेकिन शरम नही होगी
बात बात पे मात पिता को बेटा आँख दिखायेगा
हे रामचन्द्र कह गए सिया से …..
राजा और प्रजा दोनों में होगी निसदिन खेचातानी खेचातानी
कदम कदम पर करेंगे दोनों अपनी अपनी मनमानी मनमानी हे
जिसके हाथ में होगी लाठी भैस वही ले जायेगा
हंस चुगेगा दाना दुनका कौआ मोती खायेगा
हे रामचन्द्र कह गए सिया से ….
सुनो सिया कलजुग में काला
धन और काले मन होंगे काले मन होंगे
चोर उच्चके नगर सेठ और
प्रभु भक्त निर्धन होंगे. निर्धन होंगे
हे जो होगा लोभी और भोगी ओ जोगी कहलायेगा
हंस चुगेगा दाना दुनका कौआ मोती खायेगा
हे रामचन्द्र कह गए सिया से ……
मंदिर सुना सुना होगा
भरी होगी मधुशाला हां मधुशाला
पिता के संग संग भरी सभा में
नाचेगी घर की बाला घर की बाला
कैसे कन्यादान पिता ही कन्या का धन खायेगा
हंस चुगेगा दाना दुनका कौआ मोती खायेगा
हे रामचन्द्र कह गए सिया से ……..
Oh Ramchandra has said that such a mess will come from Siya
The swan will eat the grain, the crow will eat the pearl
There will be dharma also there will be karma but there will be no shame
The son will show his eyes to the father on the matter.
Hey Ramchandra said to Siya…..
In both the king and the subjects, there will certainly be Khechatani Khechatani
Step by step, both will do their own arbitrariness
The buffalo who will have the stick in his hand will take it
The swan will eat the grain, the crow will eat the pearl
Hey Ramchandra said to Siya….
Listen Siya Kaljug Mein Kaala
There will be money and black mind will be black mind
Thief Uchke Nagar Seth and
Lord devotees will be poor. will be poor
O whoever is greedy and the enjoyer will be called a jogi
The swan will eat the grain, the crow will eat the pearl
Hey Ramchandra said to Siya……
must have heard the temple
The tavern will be full yes the tavern
In a meeting filled with father
The girl of the house will dance.
How the father will eat the daughter’s wealth
The swan will eat the grain, the crow will eat the pearl
Hey Ramchandra said to Siya……..