फागुन में होली खेलु गी मैंने कर ली है फुल तयारी कान्हा मोहे ला दे पिचकारी
तू किनसे होली खेलेगी बतलादे ओ राधा प्यारी मत मंगवावे तू पिचकारी
मैं रंग बहुत सो ले आई
मैंने चार मटकिया घडवाई
मो को तो सब को रंगना है चाहे आवे कोई नर और नारी
कान्हा मोहे लागे पिचकारी
तू किनसे होली खेलेगी बतलादे ओ राधा प्यारी मत मंगवावे तू पिचकारी
तेरो गोरो कात जो रंग जाएगो जो नीलो पीलो पड़ जाएगो
तू तब तक पूरी रंग जायेगी जब आएगी तेरी बारी
मत मंगवावे तू पिचकारी
फागुन में होली खेलु गी मैंने कर ली है फुल तयारी कान्हा मोहे ला दे पिचकारी
तेरी बतिया एक न मानु मैं तोहे कुर्वी अमन रंग डारु मैं
चाहे जो हॉवे सो हो जावे
केशव की है जिमेदारी कान्हा मोहे लादे पिचकारी
I will play Holi in Phagun, I have done full preparation Kanha Mohe La De Pichkari
Why will you play Holi?
I slept a lot
I threw four pots
Mo has to paint everyone, whether it is a male or a female
Kanha Mohe Laage Pichkari
Why will you play Holi?
Tero goro kaat which color will go which will turn blue yellow
You will go full color till your turn comes
Don’t ask for a pitchfork
I will play Holi in Phagun, I have done full preparation Kanha Mohe La De Pichkari
Teri Batiya Ek Na Manu Main Tohe Kurvi Aman Rang Daru Main
no matter how you sleep
Keshav’s responsibility is Kanha Mohe Lade Pichkari