तेरा नाम लेकर करू दिन शुरू तू ही तू बस तू ही तू
जित देखू मुझे दीखता तू तू ही तू बस तू ही तू
मेरी नींदों तू मेरी अखियाँ में तू मेरी पलकन में तू मेरी धड़कन में तू
मेरे ख्वाबो में तू मन के भावो में तू मेरी नस नस में तू मेरी रग रग में तू
जब से मिल गया तू मुझको मेह्सुस करू तेरी खुशबु
तू तू ही तू बस तू ही तू
मेराश्याम प्यारा है क्या खुभ नजारा है
फागुन के मेले में खुला स्वर्ग द्वारा है
हाथो में निशान है तेरी पहचान है
चारो और गूंज रहा जय जय श्री श्याम है
प्रेमियों की आन है प्रेमियों की जान है सब की जुबान पर जय जय श्री श्याम है,
फागुन के मेले में भगतो के रेले में गली और दुकान में हर इक मकान में
जलवा तेरा श्याम चंगा लगदा है,
खाटू में तू रिंग्स में तू फागुन के मेले के कं कं में तू
खेतो में तू खाल्यानो में दूर तलक असमानों में तू
लाल नीले पीले ये निशान देखलो
मेरे श्याम बाबा की शान देखलो
सतरंगी पूरा आस्मां देखलो
कमी नही कोई इतजाम देखलो
श्याम तेरी नगरी में आकर कहू
कुछ नही मांगू बस नाम जपु
तू तू ही तू बस तू ही तू
मेराश्याम प्यारा है क्या खुभ नजारा है
फागुन के मेले में खुला स्वर्ग द्वारा है
जो प्रेमी तेरी यात्रा लेके चलता है
मैंने देखा श्याम तू उसका ध्यान रखता है
एसी भगती देख के मन मेरा भी रमता है
हारे का सहारा सब के मन की सुनता है
मेले की भीड़ में सेठ और फ़कीर में
खाटू की फिजाओं में हवाओं और घटाओ में जलवा तेरा श्याम चंगा लगता है,
कुटियाँमें तू गोशाला में तू होटल में तू धर्मशाला में तू
आते जाते प्रेमियों की बातो में तू लंगर में तू मंदिर में तू
डोरी प्रेम वाली एक बार जोड़ लो
मतलबी दुनिया से नाता तोड़ लो
श्याम की डगरिया कदम मोड़ लो
किरपा वाली चुनरी बाबा की ओड लो
जब धूलि तोरण द्वार की माथे रखु
गम सारे हो गए मेरे उड़न छु तू ही तू बस तू ही तू
मेराश्याम प्यारा है क्या खुभ नजारा है
फागुन के मेले में खुला स्वर्ग द्वारा है
मेरे मन में बस गयो कान्हा मैं तो हो गया श्याम दीवाना
अब और कही नही जाना मेरा खाटू जी में करो ठिकाना
खाटू शहर की पावन गलियों में तू
घर घर कीर्तनो में तेरी झुस्त झु हर प्रेमी में तू हर नेमी में तू
याहा भी है तू वाहा भी है तू
दिल के अंतर भी तू बैठा मंदिर में तू
श्याम नजर मोहे आने लगा है आनंद ही आनंद छाने लगा है
झूठी दुनिया से मन बेखबर श्याम धनि के गुण गाने लगा है
एसी नही कोई जगह जाने है तू
धन धन राजीव की हो गई रूह
तू तू ही तू बस तू ही तू
मेराश्याम प्यारा है क्या खुभ नजारा है
फागुन के मेले में खुला स्वर्ग द्वारा है
I will start the day by taking your name, you are the only one
Whatever I see, you are the only one, you are the only one
You are in my eyes, you are in my eyelids, you are in my heartbeat
In my dreams you are in my heart, you are in my veins, you are in my veins.
Ever since I got you, I will feel your happiness
you are the only you
marashyam is cute what a beautiful sight
The open heaven at the Fair of Fagun is by
There is a mark in the hands, your identity is
Jai Jai Shree Shyam is echoing all around
The love of lovers is the life of lovers, Jai Jai Shree Shyam is on everyone’s tongue,
In the fair of Fagun, in every house in the street and in the shop of the devotees.
Jalwa your shyam is healed,
In Khatu, you are in rings, you are in the company of Phagun’s fair.
In the fields you are in the distance, you are in the unequals
red blue yellow look at these marks
look at the glory of my shyam baba
look at the whole sky
see no shortage
Shyam will come to your city and say
Do not ask for anything, just chant the name
you are the only you
marashyam is cute what a beautiful sight
The open heaven at the Fair of Fagun is by
The lover who takes your journey
I saw Shyam you take care of him
Seeing AC Bhagati makes my mind happy too
The support of the loser listens to everyone’s heart
Seth and Fakir in the crowd of the fair
Your shyness seems to be healed in the winds and reductions in the food of Khatu,
You are in huts, you are in the hotel, you are in Dharamsala.
In the talk of lovers coming and going, you are in the langar, you are in the temple.
Dori love once
break up with the mean world
Shyam’s steps take a turn
Take Ode of Kirpa Wali Chunari Baba
When I put the dust on the forehead of the door
The sorrows are gone, you touch my flight, you are the only one
marashyam is cute what a beautiful sight
The open heaven at the Fair of Fagun is by
Kanha has settled in my mind, I have become shyam crazy
Don’t go anywhere anymore, do my place in Khatu ji
You are in the holy streets of Khatu city
In every household, you are in every routine, you are in love.
You are there
You are sitting in the temple even within the heart
Shyam is starting to look at me
The mind, oblivious to the false world, has started singing the virtues of Shyam Dhani.
you don’t have ac you have to go somewhere
Money has become the soul of Rajeev
you are the only you
marashyam is cute what a beautiful sight
The open heaven at the Fair of Fagun is by