सीताराम सीताराम सीताराम गाये जा,
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा,
छोड़ सभी रिश्ते बस मान यही नाता
पिता रघुनाथ जी श्री जानकी जी माता
इसी भाव गंगा में डुबकी लगाये जा,
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा,
दुनिया भर में काहे भटकता,
द्वारे द्वारे सीस पटकता
राम जी के पास एक अलख जगाये जा,
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा,
क्या करना अब सो जन जन की,
किरपा दृष्टि जब रघुनन्दन की
राम की कृपा से नित मौज उड़ाये जा..
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा,
Sitaram Sitaram Sitaram be sung,
Put your mind at the feet of Ram ji.
Leaving all relationships, just assume this relationship
Father Raghunath Ji Shri Janaki Ji Mother
Take a dip in the Ganges in this sense,
Put your mind at the feet of Ram ji.
Wandering around the world,
by sis slamming
A lamp should be lit near Ram ji.
Put your mind at the feet of Ram ji.
What to do now so people of the people,
Kirpa sight when Raghunandan’s
By the grace of Ram, always have fun..
Put your mind at the feet of Ram ji.