मैं हु तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहू बस तेरे द्वार

IMG 20220912 WA0082

मैं हु तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहू बस तेरे द्वार
और कहा मैं जाऊ संवारे कौन करेगा ऐसे पयार
मैं हु तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहू बस तेरे द्वार

एक प्राथना तुम से बाबा अपना लो न ठुकराना
नोकर रख लो अपने दर का करुगा तेरा शुकराना
पड़ा रहूगा चोकठ तेरी करता रहूगा मैं दीदार
मैं हु तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहू बस तेरे द्वार

जद जद मैंने हाथ पसारे तूने हाथ बडाया है
तूने मेरी राह बनाई रास्ता तूने दिखाया है,
मैं चला तो साथ मेरे तू चल पड़ा मेरे सरकार
मैं हु तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहू बस तेरे द्वार

घेरा मुझको दुखो ने जब पास खड़ा तू पाया है
रोया मैं जब मेरे संवारे तूने तो ही हस्या है
कैसे भूलू बाबा तेरे मुझपे है इतने उपकार
मैं हु तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहू बस तेरे द्वार

मैं तो हु न तेरे काबिल फिर भी मुझे निभा लेना
राज मेहर को श्री चरणों में नाथ मेरे तू जगह देना
अनिल मित्तल तेरे रंग में रंग बैठा मेरे दातार
मैं हु तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहू बस तेरे द्वार

I am your beggar I will be lying just at your door
And where shall I go, who will make such love
I am your beggar I will be lying just at your door

Take a prayer from you Baba, don’t refuse
Keep a servant, I will pay your fee
I will keep doing your chores.
I am your beggar I will be lying just at your door

JD JD I have spread my hand, you have raised my hand
You have made my way, you have shown the way,
If I went, you walked with me, my government
I am your beggar I will be lying just at your door

When you have found me standing near you
I cried when you have only laughed at my grooming
How can I forget Baba, you are so grateful to me
I am your beggar I will be lying just at your door

I am not worthy of you, still follow me
To give place to Raj Meher in the feet of Mr.
Anil Mittal is sitting in your color, my datar
I am your beggar to be lying just at your door

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *