अपने दर से दूर किया है क्या तुम्हे अब प्यार नही,
मुझपर हाथ जो नही तेरा क्या ये मेरी हार नही
अपने दर से दूर किया है क्या तुम्हे अब प्यार नही,
तेरी चोकठ की हर सीधी आंसू जल से धोती है
मंदिर के छोटे प्रांगन में सारी दुनिया संयोई है
मेहकी जो सांसो की बगियाँ अब वो रही गुलजार नही
अपने दर से दूर किया है क्या तुम्हे अब प्यार नही,
तू मुख का हर भाव् समज ले मन के भेद का ज्ञाता है
अगर तुझसे कोई नाता जोड़े तू भी उसको निभाता है
कैसे टिक पाऊंगा जग में जो ये तेरा रार नही
अपने दर से दूर किया है क्या तुम्हे अब प्यार नही,
मैंने तुझसे तुझको माँगा
क्या ये मेरा दोष है श्याम
तेरे सुमिरन की धन दोलत बस यही मेरा कोष है श्याम
क्यों तेरे चरणों का बाबा त्यागी ये हक़ दार नही
अपने दर से दूर किया है क्या तुम्हे अब प्यार नही,
Have done away from your rate, do you not love anymore,
The hand on me which is not yours is it not my defeat
Have done away from your rate, do you not love anymore,
Every straight tear of your choke is washed by water
The whole world is united in the small courtyard of the temple
Mehki’s breathless bugs are no longer buzzing
Have done away from your rate, do you not love anymore,
You understand every expression of the face, you know the difference of the mind.
If you have any relation with you, you also play it
How will I be able to survive in the world which is not your rar?
Have done away from your rate, do you not love anymore,
i asked you
Is it my fault Shyam
The wealth of your sumiran is my only fund, Shyam
Why Baba Tyagi does not deserve this right at your feet
Have done away from your rate, do you not love anymore,