दर दर क्यों मांगता फिरता है जब सेठ संवारा साथ में है
अब उड़ के आसमा छु ले तू तेरी डोर श्याम के हाथ में है
जब साथ है तेरे श्याम धनि फिर मन क्यों तेरा गबराता है,
श्याम का दामन थाम लिया तो किसी बात का क्या डर है
तेरी हर जिमेवारी श्याम धनि के उपर है
भाई सखा या पिता समज तू ये सब का भरत निभाता है
जब साथ है तेरे श्याम धनि फिर मन क्यों तेरा गबराता है,
रख विश्वाश तू अपने मन में बदले गा तकदीर तेरी
फसा है तू ऐसी उल्जन में काटेगा जंजीर तेरी
कड़ी धुप में चलने वाला शाव श्याम दर पाता है
जब साथ है तेरे श्याम धनि फिर मन क्यों तेरा गबराता है,
बाह पकड़ ले सेठ श्याम की कभी न ठोकर खायेगा
जीवन के पथरीले पथ से पल पल श्याम बचाएगा
हो जाता है श्याम उसी का श्याम का जो बन जाता है
जब साथ है तेरे श्याम धनि फिर मन क्यों तेरा गबराता है,
Why does he keep asking for rates when Seth is with him?
Now let’s touch the sky, your door is in the hands of Shyam.
When you are with your shyam Dhani, then why does your mind worry about you,
If you take Shyam’s arm, then what is the fear of anything?
Your every responsibility is on Shyam Dhani
Brother friend or father understand, you play the role of all this
When you are with your shyam Dhani, then why does your mind worry about you,
Keep faith that you will change your fate in your mind
Trapped, you will cut your chain in such confusion
A cow walking in the harsh sun gets the rate of shyam
When you are with your shyam Dhani, then why does your mind worry about you,
Take hold of Seth Shyam will never stumble
Shyam will save every moment from the rocky path of life
Shyam becomes the same as Shyam’s
When you are with your shyam Dhani, then why does your mind worry about you,