मुथरा में श्याम बस अवध में राम,
नाम है दो पर एक ही काम,
भीड़ पड़े जब जब भगतों पे ,
आते है बस यह ही काम,
बोलो भगतों रे जय हो तेरी जय श्री राम,
जय हो तेरी जय घनश्याम,
एक तो है बंसी बजैया,और दूजे है धनुष तुरैया
राधा जी के साथ में विराजे घनश्याम ,
सीतामाता के साथ विराजे राम,
दवापर में घनस्याम जी आये तरेता में आये श्री राम,
बोलो भगतों रे जय ……..
एक तो चोरी से माखन खावे,
दूजे झूठे बेर शबरी के खावे,
हनुमान के मन भए श्री राम,
सुदामा से यारी निभाए घनश्याम
नाम जपो राम सिया का चाहे बोलो राधे श्याम
बोलो भगतों रे जय ………
एक मथुरा में कंस को मरे दूजा लंका में रावन संगरे
श्याम को भजो या भजो श्री राम,
राम ही श्याम श्याम ही है राम,
भव सागर से पार लगए ऐ राही प्रबु का नाम,
बोलो भगतों रे जय …….
Shyam in Muthra, Ram in Bus Awadh,
Name is two but same work,
Whenever there is a crowd on the Bhagats,
Come, only this work,
Say Bhagton Re Jai Ho Teri Jai Shri Ram,
Jai Ho Teri Jai Ghanshyam,
One is Bansi Bajaiya, and the other is Dhanush Turaiya.
Viraje Ghanshyam with Radha ji,
Viraje Ram with Sitamata,
Ghansayam ji came in Dawapar, Shri Ram came in Tareta,
Say Bhagaton Re Jai……..
One should eat butter by stealing,
Eat false plums of Shabri,
Lord Rama in the mind of Hanuman,
Ghanshyam plays a friend with Sudama
Chant the name of Ram Siya, whether you say Radhe Shyam
Bolo Bhagaton Re Jai………
One killed Kansa in Mathura and Ravana Sangare in Lanka
Worship Shyam or send Shri Ram,
Ram is Shyam Shyam is Ram,
O Rahi Prabu’s name that crossed the ocean of existence,
Say Bhagaton Re Jai…….