कोई जब प्रेम से बुलावे तो रुक नही पावे,
दोरहा दोरहा भागा भागा आवे,
भाव के भूखा है बाबा श्याम भाव से विजय है बाबा श्याम,
विधुर के घर में है आइयो विधुररानी का मन हर्शयो
भाव से खेलका छिलका भी खायो,
दुर्योदन के मेवा त्यादे केले के छिलके के आगे विधुरानी के भाग है जागे,
भाव के भूखा है बाबा श्याम
रोक्मन खाना परोस रही,
कान्हा की बाते जो हर रही,
दोहरया दोहरया आइयो करमा बाई के पास,
बाजरे के खिचड़ी खा के करमा के बाई आगे खुश हो के संवारा नाचे,
भाव के भूखा है बाबा श्याम ,
संत सुधाम जो घर आयो पोटली यु छुपाये रहो,
छीनके चावल यो खाए रहो,
श्याम को भाव से रिजले,
तू श्यामगुण गा ले चुटकी में श्याम को पा ले
भाव के भूखा है बाबा श्याम …
When someone calls with love, he cannot stop.
Doraha Doraha, run, run, come,
Baba Shyam is hungry for emotion Baba Shyam is victorious with emotion
The widower’s heart is in the widow’s house.
Eat the skin of the game with emotion,
In front of the banana peel, the fruits of Duryodana are part of the widower.
Baba Shyam is hungry for emotion
Serving Rokman food,
Kanha’s words that remained,
Repeatedly repeating ayo, near Karma Bai,
By eating khichdi of millet, be happy in front of Karma and dance,
Baba Shyam is hungry for emotion,
Sant Sudham who comes home, keep your bundle hidden,
Snatch the rice and keep eating it,
Shyam gets angry,
You sing Shyamgun and get Shyam in a pinch
Baba Shyam is hungry for emotion…