जिस दिन संवारे से बात नही होती
कट ता नही दिन रात नही होती
लगता नही है दिल श्याम के बिना
हर पल बाबा जी की सूरत दिल में वसी रेहती है,
कब बाबा से होगा मिलन ये आस लगी रेहती है
संवारे से जब तक मुलाक़ात नही होती
कट ता नही दिन रात नही होती
जब तक भी दीदार न होता सांवरिया का हम को
कुछ भी अच्छा लगता नही है चैन न आये दिल को
दिल की हमारे शुरुवात नही होती
कट ता नही दिन रात नही होती
The day when there is no talk of grooming
There is no cut, there is no day or night.
I don’t feel heart without Shyam
Every moment Baba ji’s face resides in the heart,
When will the meeting with Baba happen?
until the meeting
There is no cut, there is no day or night.
Till we don’t see Saawariya
Nothing feels good
our heart does not start
There is no cut, there is no day or night.