मेरी ऊँगली गया मरोड़ यशोदा कान्हा तेरा,
जब पनिया भरन को जाये तो करे शैताने हाए,
हमारी मटकी देवे फोड़ यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली ……..
ये घरो में है गुस जाता और चुरा के माखन खाता,
जो तो पक्का माखन चोर यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली ……
जब पनिया भरन को जाये वो करे शेतानी हाए,
मारी मटकी दावे फोड़ यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली …..
जब गैयाँ चरणे जाये बहा बेठ के मुरली बजये,
बंधे एसी प्रीत की ढोर यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली ……
सब गोपियों को वो सताए फिर भी सबके मन भाए
सबके चित का चोर यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली ………………..स्वरअलका गोएल
Yashoda Kanha yours twisted my finger,
When the paniya goes to Bharan, then the devils will be there,
Yashoda Kanha Tera bursting our pot,
my finger……
It is in the house, goes and eats butter by stealing it,
Who is the firm butter thief Yashoda Kanha yours,
my finger……
When Paniya goes to Bharan, he should do it Shetani Hae,
Yashoda Kanha Tera bursting my matki claims,
my finger…..
When the cows go to their feet,
Tied AC Preet’s drum Yashoda Kanha Tera,
my finger……
He harassed all the gopis, yet everyone liked them.
Yashoda Kanha Tera, the thief of everyone’s mind,
My finger ………………….SwaraAlka Goel