श्याम सांवरिया द्वारिका गए जो लेने न सुध कोई भेजी न खबरिया
तेरी राधा वावरिया बई राधा वावरिया
सुना पड़ा पनघट गाओ रे
सुनी पड़ी कदम की छाओ रे
बिना तेरे मोहन मजधार में
खाए हिचकोले मन की नाव रे
सूजे न कोई मोहे अब डगरिया लेने न सुध कोई भेजी रे सांवरिया
बई राधा वावरिया
आके निरमोही कभी पूछ ले कैसा है किशोरी तेरा हाल रे
राह तके तेरी ग्वाल बाल रे रहे कैसा सावन इस साल रे
रूठी चली जाए बरसे बिन बदरीयाँ लेनी न सुध कोई भेजी रे खबरिया
बई राधा वावरिया
निधि वन की फीकी पड़ी शान रे गूंजे ना अब बांसुरी की तान रे,
कहे रोते असुवन की धार रे हुआ तन मन निष् प्राण रे
आजा लौट आ वृज नगरिया लेने न सुध कोई भेजी रे खबरिया
बई राधा वावरिया
Shyam Saawariya went to Dwarka, who neither sent nor sent any information to take
Teri radha vavariya by radha vavariya
Heard you hear the song re
Heard Kadam Ki Chhao Re
Without you Mohan in Majdhar
Khaye Hichkole Mann Ki Nao Re
No swelling, no mohe, now no one to take dgariya, no one sends re saawariya
by radha vavaria
Come Nirmohi sometime ask how is your teenager
Raah Take Teri Gwal Bal Re Rahe Kaisa Sawan This Year Re
Let it go away without rain, don’t take badries, don’t take care of someone, send it to news
by radha vavaria
The faded glory of the Nidhi forest, now echoes the tone of the flute,
Say that the edge of the weeping Asuvan has become body, mind, soulless life
Come back aja, don’t take care to take the city of Vraj, no one sent the news
by radha vavaria