मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया,
दाग़ पिया ओ जी, दाग़ पिया,
मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया
पाँच तत्व की या बणी या चुनरिया,
मन मूरख अभिमान किया,
मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया
रोवत फिरूं मैं दाग नहीं छूटे,
तन मन धन क़ुर्बान किया,
मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया
सतगुरु धोबी मिले सहज में,
दाग जिगर का साफ़ किया,
मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया
झीलमिल झिलमिल करे आ चुनरिया,
कोट भान प्रकाश किया,
मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया
कहत कमाली कबीरा थारी बाली,
अमरापुर में वास किया,
मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया
My chunri ke lagya daag drank,
dag diya o jee, daag diya,
Meri chunri ke lagya daag piya
Of the five elements or bani or chunaria,
Foolishly proud of the mind,
Meri chunri ke lagya daag piya
I would not leave the stain,
Sacrifice body and mind wealth,
Meri chunri ke lagya daag piya
Satguru Dhobi is found easily,
stained liver cleaned,
Meri chunri ke lagya daag piya
Jhilmil Jhilmil Kare Aa Chunaria,
Kot Bhan lighted up,
Meri chunri ke lagya daag piya
Kahat Kamali Kabira Thari Bali,
Lived in Amrapur,
Meri chunri ke lagya daag piya