जहाँ भजहीं मन, वहीं मिले श्री
प्रभु रघुनायक, भक्त हितैसी,
प्रभु श्री राम, बसहीं कण-कण में,
दर्शन पाई वो, क्षण-प्रतिक्षण में,
हृदय में राम, और सिया विराजै,
दिव्य मनोहर, रूप अतिसाजै,
जय श्री राम, जय जय वैदेही,
निरखे प्रजा, अति रूप सनेही,
राम सिया राम सिया राम जय राम
इस संसार में जिसके हृदय में,
प्रभु राम और माता सीता के प्रति पुर्ण श्रद्धा का भाव निरंतर बना रहेगा,
उनके हृदय में सदैव बसेंगे सिया राम
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
Wherever the mind, there you meet Mr.
Lord Raghunayak, Devotee Hitaisi,
Lord Shri Ram, just in every particle,
She got the vision, moment by moment,
Ram in the heart, and Siya Virajai,
Divine Graceful, Form Attisaja,
Jai Shri Ram, Jai Jai Vaidehi,
Poor people, very loving,
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Ram
In this world in whose heart,
The feeling of full reverence for Lord Rama and Mother Sita will remain constant,
Siya Ram will always live in his heart
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram