अपना मुझे बना लो, मेरा और ना सहारा
चरणों से दूर रहकर, कैसे करूँ गुज़ारा
दिल की किसे सुनाएँ ख़ुदग़र्ज़ यार सारे
जिसको भी अपना समझा उसने ही ताने मारे
सुन भी लो अब कन्हैया कोई नहीं हमारा
खुशियाँ थी जिनसे बाँटी ऐसा भी मोड़ आया
ज़ख़्मों पे जख्म देकर दिल को बहुत रुलाया
तेरे होते मैं कन्हैया फिरता हूँ बेसहारा
मेरी जिंदगी कन्हैया अब है तेरे भरोसे
दुनिया मेरी तुम्ही हो तू ही तो पाले पोशे
दीपक है आस तेरी तुझको ही है पुकारा
Make yours me, mine and not my support
How do I survive by staying away from the feet?
Who should tell the heart of my heart?
He taunted whoever considered himself his
Listen, now Kanhaiya is none of us
There was happiness due to which such a twist also came
Made my heart cry a lot by giving wounds on wounds
Without you, Kanhaiya roams destitute
Kanhaiya my life is now in your trust
You are my world
Deepak is your hope, only you have called