म्हारे श्याम धनि री भोत मन में आवे म्हारा साथीड़ा,
आवे म्हारा साथीड़ा महान खाटू में ले चालो जी…
गंगा भी नहाया म्हे तो जमुना भी नहाया॥
म्हारे श्याम कुंड री गाढ़ी मन में आवे म्हारा साथीड़ा,
म्हाने खाटू ले चालो जी..
रात ने सोउ तो मने नींद कोणी आवे॥
म्हारो मंदरिये में जिव उड़ उड़ जावे महारा साथीड़ा,
म्हाने खाटू में ले चालो जी…
लाडू भी खाया म्हे तो पेड़ा भी खाया॥
म्हारे चूरमा री गाढ़ी मन में आवे म्हारा साथीड़ा,
म्हाने खाटू में ले चालो जी..
ढोलक बाजे,मजीरा भी बाजे॥
म्हारे नाच वारी गाढ़ी मन में आवे म्हारा साथीड़ा,
म्हाने खाटू में ले चालो जी..
सोहनलाल का भजन सुनाला ॥
म्हारे भजना री भोत मन में आवे म्हारा साथीड़ा,
म्हाने खाटू में ले चालो जी..
My Shyam Dhani Ri Bhot may come in my mind, my companionship,
Aawe mahara sathiada great khatu le chalo ji…
If Ganga also bathed, Jamuna also bathed.
Mhare Shyam Kund ri deep in my mind,
Mhane khatu le chalo ji..
If the night has slept, then who has come to sleep?
Jive will fly away in Mharo temples, Mahara Sathida,
Take me to Mahane Khatu Ji…
If I ate laddu, I also ate peda.
In my heart my churma ri thick, come in my mind, my companionship,
Take me to Mahane Khatu Ji..
Play the dholak, also play the majira.
In my mind, my dances come in my heart, my companions,
Take me to Mahane Khatu Ji..
Sohanlal’s hymn was recited.
My bhajana ri bhat mein mein mahara sathiada,
Take me to Mahane Khatu Ji..