हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
दरद की मारी बन बन डोलूं बैद मिल्यो नही कोई॥
ना मैं जानू आरती वन्दन, ना पूजा की रीत।
लिए री मैंने दो नैनो के दीपक लिए संजोये॥
घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय।
जौहरि की गति जौहरी जाणै की जिन जौहर होय॥
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय।
गगन मंडल पर सेज पिया की, मिलणा किस बिध होय॥
दरद की मारी बन-बन डोलूं बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी जद बैद सांवरिया होय॥कविमीरा बाई
Oh ri, I am a love-addict mero darad na jaanai koi.
I am not sick of pain
Neither do I know the aarti vandan, nor the manner of worship.
For me, I cherished two nano lamps.
The speed of the injured is known as the injured, whoever is injured.
The speed of the jeweler is the jewel of the jeweler.
The crucifix above is ours, sovan kis bidh hoy.
On the Gagan Mandal, she drank the sage, how did it meet?
Bad milya nahi koi due to pain.
Meera’s Prabhu Peer will die