हम कब से पड़े है शरण तुम्हारी सुनलो साँवरिया ,
हम कोई गैर नही ॥
नौकर तेरे दरबार के हम है सुनलो साँवरिया ,
हम कोई गैर नही ॥
गुजरा हुआ हर पल हमे याद आता है ॥
तेरे सिवा हमको ना कोई भाता है ॥
मेरी लाज तुम्हारे हाथ है, सुनलो साँवरिया ।
हम कोई गैर नही ॥
अपनों से साँवरिया परहेज है कैसा ॥
देखा ना दुनिया में दिलदार तुम जैसा॥
हम तेरे आसरे कब से बैठे, सुनलो साँवरिया ।
हम कोई गैर नही ॥
बस इतनी तमन्ना है दीदार हो तेरा ॥
कहीं बिखर ना जाए श्याम अनमोल प्यार मेरा ॥
अब निर्मोही ना बनो ‘‘ओम’’ की, सुनलो साँवरिया ।
हम कोई गैर नही ॥
Since when have we been lying, listen to you Saawariya,
We are no non
We are the servants of your court, listen Saawariya,
We are no non
We remember every moment passed.
We don’t like anyone except you.
My shame is in your hands, listen Saawariya.
We are no non
How is Saawariya abstinence from loved ones?
Have you seen a heart like you in the world?
Since when did we sit around you, listen Saawariya.
We are no non
There is only so much desire to be seen by you.
Shyam precious love should not be scattered anywhere
Now don’t be ruthless, listen to “Om”, Saawariya.
We are no non