लुट गया सरकार मेरा अपने भगतो के लिए,
अपने भगतो के लिए श्याम अपने भगतो के लिए,
हार भी जाता है बाबा श्याम भगतो के लिए,
रोते रोते जो भी आये श्याम के दरबार में,
रोते को पल में हसाता अपने भगतो के लिए,
सोना चाँदी हीरे मोती से कभी न रीजता,
भाव के तन में ही बिकता श्याम भगतो के लिए,
पापी से भी पापी को मिलती है वाह प्रीत य,
हैप्पी गल्हता अनसु में श्याम भगतो के लिए,
है जरूरत अगर हमें तो श्याम भी पीछे नही ,
एक कदम पर सो बढाता अपने भगतो के लिए,
लेके गम खुशिया जो देदे एसा दानी है कहा,
कुछ भी कर सकता है बाबा श्याम भगतो के लिए,
अपने भगतो के लिए श्याम अपने भगतो के लिए,
The government was looted for my own devotees,
Shyam for his brothers For his brothers,
Lost even for Baba Shyam Bhagto,
Whoever came to Shyam’s court weeping,
Weeping and laughing for the sake of our brothers,
Gold and silver will never match with diamonds and pearls.
For Shyam Bhagto sold in the body of the emotion,
Even the sinner gets the love from the sinner.
For Shyam Bhagto in Happy Galhata Ansu,
If we need, then even Shyam is not behind.
He sleeps on one step for his devotees,
But the sorrow of happiness, who is such a charity, said,
Baba can do anything for Shyam Bhagto,
Shyam for his brothers For his brothers,