साईं साईं पुकारू मैं गलियों में,
कभी फूलो में धुंधू कभी कलियों में,
साईं साईं पुकारू मैं गलियों में,
करदो मुझपे कर्म बात बन जायेगी,
फूटी किस्मत ये मेरी सवर जायेगी,
तुम हो सबसे वली सारे वलियो में,
साईं साईं पुकारू मैं गलियों में….
ऐसा रुखा मेरा साईं काहा न माने,
मेरे दिल मेरी जाहा की कदर न जाने,
मैं भी बन गया सवाली सब सवालियो में,
साईं साईं पुकारू मैं गलियों में…….
मेरी बिगड़ी बना दो राह फूलो से सजा दो,
गाऊ तेरा भजन तान इसी बना दो रस गोल दो संजय की बोलियों में,
साईं साईं पुकारू मैं गलियों में
I will call Sai Sai in the streets,
Sometimes in flowers, sometimes in buds,
I will call Sai Sai in the streets,
Do it, it will become a matter of karma on me,
Broken luck, this will be my life,
You are the oldest among all the women,
I will call Sai Sai in the streets….
Don’t listen to my sai like this,
My heart does not know the value of my soul,
I also became the question in all the questions,
I will call Sai Sai in the streets…….
Make my way spoiled, decorate it with flowers,
Gau Tera Bhajan Tan Isi Bana Do Ras Gol Do in the dialects of Sanjay,
Sai Sai call me in the streets