न ही राम कहीं कम है न ही श्याम कहीं कम है ।
पाप बड़ा तो नर तन धार के श्री हरी ने है जन्म लिया ॥
राम गए बन बनवासी, श्याम बसे मथुरा काशी।
दुष्टो का संघार करे, भाव से बेडा पार करे ।
’सीता राधा नहीं कम है न ही श्याम कहीं कम है ॥
धर्म ध्वजा फहराई है, महिमा वेद में पाई है ।
दर्श मनोहर पाते है,हम जिनको अपनाते है ।
धन में देख कहाँ दम है न ही श्याम कहीं कम हैं ॥
Neither Ram is less nor Shyam is anywhere less.
If sin is bigger then Shri Hari of male body has taken birth.
Ram went to Banavasi, Shyam settled in Mathura, Kashi.
Fight the wicked, cross the boat with emotion.
‘Sita is not less than Radha, nor is Shyam any less.
The flag of religion is hoisted, the glory is found in the Vedas.
The visions we find lovely, the ones we follow.
Where is the power to see in money, nor is Shyam anywhere less.