तेरा हाथ जिसने पकड़ा, वो रहा ना बेसहारा ।
दरिया में डूब कर भी उसे मिल गया किनारा ॥
आनंद पा लिया है साईं के दर पे आ के,
अब क्या करेंगे फिर से दुनिया के पास जा के ।
समझाया जिन्दगी ने बड़े काम का इशारा ॥
साईं से जो मिला है, कहीं और क्या मिलेगा,
यह ऐसा सिलसिला है, भगवन से जा मिलेगा ।
ले जाए अब कहीं भी साईं की प्रेम धारा ।
The one who caught your hand was not helpless.
Even after drowning in the river, he got the shore.
I have attained joy by coming at the rate of Sai,
Now what will you do to go to the world again?
Explained life has indicated a great work.
What you have got from Sai, what will you get anywhere else,
This is such a cycle, you will get it from God.
Now take Sai’s love stream anywhere.