सखी सपने में एक अनोखी बात हो गई,
साँवरे से मेरी मुलाकात हो गई,
मैं तो गहरी नींद में सोए रही थी,
उस प्यारे के सपनों में खोए रही थी,
सखी कैसे बताऊँ करामात हो गई,
साँवरे से मेरी…….
धीरे धीरे वो पास मेरे आने लगे,
मुझे बिरहन को दिल से लगाने लगे,
मेरी अखियों से अश्क की बरसात हो गई,
साँवरे से मेरी …….
मैंने सोचा अब अपने मैं दिल की कहूं,
ये जुदाई का दर्द मैं कबतक सहुँ,
यही सोचते ही सोचते प्रभात हो गई,
साँवरे से मेरी …..
अपने साजन की पागल दीवानी हुई,
ऐसी ‘चित्र-विचित्र’ की कहानी हुई,
मिली उसकी झलक ये सौगात हो गई,
साँवरे से मेरी ……
सखी सपने में एक अनोखी बात हो गई…..
A strange thing happened in a friend’s dream,
I met in the evening,
I was sleeping in a deep sleep,
Was lost in the dreams of that beloved,
How can I tell my friend, I got enchanted,
From morning to mine…….
Slowly they started coming near me,
I started putting Birhan in my heart,
Tears rained down from my eyes,
My from the evening…….
I thought now I can tell from my heart,
How long can I bear this pain of separation,
Thinking of this, it was morning.
My from the evening…..
Got madly addicted to my brother-in-law,
The story of such a ‘picture-bizarre’ happened,
Got a glimpse of him, it became a gift,
From the morning my……
A strange thing happened in Sakhi’s dream…..Swarchitra Bizarre