साईं का रूप बनाके आया रे

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साईं का रूप बनाके आया रे डमरू वाला,
कशी को छोड़ के शिव ने शिर्डी में डेरा डाला रे,
साईं का रूप बनाके…..

त्याग दया त्रिशूल कमंडल हाथ में छड़ी उठा ली,
ना जाने क्या सोचके झोली कंधे पे लटका ली ,
ओ गंगा में विरसर्जित कर दी शिव ने सर्पो की माला रे,
साईं का रूप बनके…..

शिव है साईं साईं शिव है बात नहीं यह झूठी हो,
भस्म है ये भोले शंकर की कहते है जिसको वभुती,
जो मानगो गे दे दे गे है शिव सा भोला भाला,
साईं का रूप बनके….

साईं तपस्वी साईं योगी साईं है सन्यासी,
घर घर में है वासा उसीका वोह है घट घट वासी हो,
शिव शम्बू शम्बू जपले या जप साईं की माला रे,
साईं का रूप बनके……

The damru wala came by taking the form of Sai.
Leaving Kashi, Shiva camped in Shirdi.
By taking the form of Sai…..
Renunciation Daya Trishul Kamandal lifted the stick in hand,
Don’t know what to think, hanging the bag on the shoulder,
Oh Shiva immersed himself in the Ganges, rayed a garland of snakes,
By becoming the form of Sai…..
Shiva is Sai Sai is Shiva, it doesn’t matter, it’s false.
It is said that it is of the innocent Shankar, whom Vabhuti,
The mango gaya de de gaye hai shiva sa nahi bhala,
In the form of Sai…
Sai Ascetic Sai Yogi Sai is Sanyasi,
The house is in the house;
shiv shambu shambu japle or japa sai ki rosary re,
Becoming the form of Sai……

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