कर प्रणाम तेरे चरणों में,
लगता हूँ अब जग के काज,
पालन करने को तेरी आज्ञा ,
नियुक्त होता हूँ मैं आज,
कर प्रणाम तेरे चरणों में,
लगता हूँ अब जग के काज,
अन्तर में स्थित रहकर मेरे,
बागडोर पकड़े रहना,
निपट निरंकुश चंचल मन को,
सावधान करते रहना,
कर प्रणाम तेरे चरणों में,
लगता हूँ अब जग के काज,
अन्तर्यामी को अन्त स्थित,
देख सशंकित होवे मन,
पाप वासना के उठते ही ,
हो नाश लाज से वह जलभुन,
कर प्रणाम तेरे चरणों में,
लगता हूँ अब जग के काज,
जीवों का कलरव जो,
दिनभर सुनने में मेरे आवे,
तेरा ही गुणगान जान,
मन प्रमुदित हो अति सुख पावे,
कर प्रणाम तेरे चरणों में,
लगता हूँ अब जग के काज,
तू ही है सर्वत्र व्याप्त हरि,
तुझमें सारा यह संसार,
इसी भावना से अंतर भर,
मिलूँ सभी से तुझे निहार,कर प्रणाम तेरे चरणों में,
प्रतिपल निज इन्द्रिय समूह से,
जो कुछ भी आचार करूँ,
केवल तुझे रिझाने को बस,
तेरा ही व्यवहार करूँ,
कर प्रणाम तेरे चरणों में,
लगता हूँ अब जग के काज,
पालन करने को तेरी आज्ञा ,
नियुक्त होता हूँ मैं आज,
Tax obeisances at your feet,
I do your work now,
Your command to obey
I am appointed today,
Staying within me,
holding the reins,
To the restless fickle mind,
be careful,
Seeing the inner being at the end,
be worried,
When the desire for sin arises,
That watery waterbowl from the shame of destruction,
the tweet of creatures
All day long listen to me,
Know your praises,
May the mind be happy, get a lot of happiness,
You are the omnipresent Hari,
The whole world in you,
Filled with this feeling,
Let me meet everyone looking at you,
From my own sense group every time,
whatever I do,
just to woo you,
treat you only
Tax obeisances at your feet,
I do your work now,
Your command to obey,
I am appointed today,