एक बार आजा खाटू क्यों सोच कर रहा है,
खाटू की इस जगह पर मेरा श्याम बस रहा है,
बिगड़ी बनाता ये सबकी,
ये झोली भर रहा है मुरदे पूरी सबकी मेरा श्याम कर रहा है,
भगतो की ये कन्हिया हर बात सुन रहा है,
खाटू की इस…………
कहती है दुनिया इसको हारे का है सहारा,
ये दोड़ा आता पल में जिसने इसे पुकारा,
भक्तो पे ये ख़ुशी की बरसात कर रहा है,
खाटू की इस…………
इतना मुझे बता दो संसार के रचियाँ,
करती ववर पड़ी है पतवार ना खाविया,
विष्णु कन्हिया तेरा गुण गान कर रहा है,
खाटू की इस…………
Why is Khatu thinking once,
My shyam is residing at this place of Khatu,
It spoils everyone
This bag is filling the whole dead body is doing my shyam,
Bhagto’s Kanhiya is listening to everything,
Khatu’s this…………
It is said that the world is the support of its loser,
In the moment who called it,
It is raining happiness on the devotees.
Khatu’s this…………
Tell me so, the masters of the world,
Do not eat the rudder,
Vishnu Kanhiya is singing your praises,
Khatu’s this…………